Farmers Protest: कई किसान घायल, जत्था वापस, एक साथी की हालत गंभीर, PGI में भर्ती

Farmers Protest: कई किसान घायल, जत्था वापस, एक साथी की हालत गंभीर, PGI में भर्ती

Farmers Protest: पंजाब के किसानों का संघर्ष लगातार चर्चा में है। अपनी मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों की हिम्मत देखते ही बनती है, लेकिन इस बार हालात और गंभीर हो गए हैं। 8 दिसंबर को जब किसानों ने दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश की, तो हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस और लाठियों का सहारा लेकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। इसके बाद किसानों ने पीछे हटकर रणनीति बनाने का फैसला किया, लेकिन कई साथी जख्मी हो गए। एक किसान की हालत इतनी बिगड़ गई कि उसे PGI रेफर करना पड़ा।

Farmers Protest
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दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश और पुलिस का ‘स्वागत’

आज सुबह किसानों ने फिर से दिल्ली की तरफ बढ़ने की योजना बनाई। मानो दिल्ली कोई सोने की खदान हो और किसानों के पास उसकी चाबी! लेकिन हरियाणा पुलिस पहले से तैयार थी। जैसे ही किसानों का जत्था आगे बढ़ा, पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।

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ज़ख्मी किसान और PGI रेफर का मामला (Farmers Protest)

इस हंगामे में कई किसान घायल हो गए। एक किसान की हालत इतनी खराब हो गई कि उसे तुरंत PGI चंडीगढ़ रेफर करना पड़ा। यह घटना बताती है कि हालात कितने तनावपूर्ण हो चुके हैं। अब सवाल यह है कि सरकार और प्रशासन क्या वाकई किसानों की आवाज सुनना चाहते हैं, या यह महज एक और दिन का तमाशा बनकर रह जाएगा?

किसानों की मांगें और प्रशासन की उदासीनता

किसान कोई आलू-टमाटर का रेट नहीं मांग रहे हैं। उनकी मांगे सीधी और स्पष्ट हैं फसल के सही दाम, कर्ज माफी और किसानों के लिए बेहतर नीतियां। लेकिन प्रशासन के रवैये को देखकर ऐसा लगता है जैसे वे यह सब सुनकर चाय के कप में बिस्कुट डुबोने में व्यस्त हैं।

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किसानों का कहना: “दिल्ली जाना है!”

किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे दिल्ली कूच करना नहीं छोड़ेंगे। “हम पीछे हट सकते हैं, लेकिन हार मानने का सवाल ही नहीं उठता,” एक किसान ने कहा।

ह्यूमर की चुटकी: संघर्ष का दूसरा नाम किसान

अगर संघर्ष का कोई ब्रांड एंबेसडर होता, तो वो किसान होते। बिना किसी ग्लैमर के, वो धरती से जुड़े हुए लोग हैं, जो अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। उनके पास बड़े पोस्टर और एड नहीं हैं, लेकिन उनके पास एक चीज़ है—हिम्मत।

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संघर्ष और उम्मीद का मेल

हर बार जब हम सोचते हैं कि किसान आंदोलन खत्म हो रहा है, वे हमें गलत साबित कर देते हैं। यह केवल एक आंदोलन नहीं है, बल्कि उनकी ज़िंदगी और अस्तित्व की लड़ाई है। इस बार की हिंसा और गंभीर स्थिति ने इस बात को और पुख्ता किया है कि यह संघर्ष अभी लंबा चलने वाला है।

FAQs

  1. किसान दिल्ली क्यों जाना चाहते हैं?
    किसान अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।
  2. कितने किसान घायल हुए हैं?
    हंगामे में कई किसान घायल हुए, जिनमें से एक को PGI रेफर किया गया है।
  3. क्या किसानों की मांगें सही हैं?
    किसान उचित फसल मूल्य, कर्ज माफी, और बेहतर नीतियों की मांग कर रहे हैं, जो जायज हैं।
  4. हरियाणा पुलिस ने क्या कदम उठाए?
    पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस और बैरिकेड्स का सहारा लिया।
  5. क्या संघर्ष जारी रहेगा?
    हां, किसानों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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